Chanakya Neeti in Hindi
Chanakya neeti in hindi slokas 1
यस्मिन देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बान्धवाः।
न च विद्याSगमः कश्चित तं देशं परिवर्जयेत्।।
Transliteration-
Yasmin Deśe Na Sammāno Na Vr̥ttirna Cha Bāndhavāḥ.
Na Cha VidyāAgamaḥ Kaśchit Taṁ Deśe Parivarjayet.
Hindi Translation-
जिस देश में आदर-सम्मान नहीं और न ही आजीविका का कोई साधन है, जहां कोई बंधु-बांधव, रिश्तेदार भी नहीं तथा किसी प्रकार की विद्या और गुणों की प्राप्ति की संभावना भी नहीं, ऐसे देश को छोड़ ही देना चाहिए। ऐसे स्थान रहना उचित नहीं।
Chanakya neeti in hindi slokas 2
श्रोत्रियो धनिकः राजा नदी वैद्यस्तु पञ्चमः।
पञ्च यत्र न विद्यन्ते न तत्र दिवसं वसेत्।।
Transliteration-
Śrotriyo Dhanikaḥ Rājā Nadī Vaiadyastu Pañchamaḥ.
Pañcha Yatra Na Vidyante Na Tatra Divasaṁ Vaset.
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Hindi Translation-
जहां श्रोत्रिय अर्थात देव को जानने वाला ब्राह्मण, धनिक, राजा, नदी और वैद्य ये पांच चीजें न हों, उस स्थान पर मनुष्य को एक दिन भी नहीं रहना चाहिए।
Chanakya neeti in hindi slokas 3
जानीयात् प्रेषणे भृत्यान् बान्धवान् व्यसनाSगमे।
मित्रं चापत्तिकालेषु भार्यां च विभवक्षये।।
Transliteration-
Jānīyāt Preṣaṇe Bhr̥tyāna Bāndhavān Vyasanāgame.
Mitraṁ Chāpattikāleṣu Bhāryāṁ Cha Vibhavakṣaye.
Hindi Translation-
काम लेने पर नौकर-चाकरों की, दुख आने पर बंध-बांधवों की, कष्ट आने पर मित्र की तथा धन नाश होने पर अपनी पत्नी की वास्तविकता का ज्ञान होता है।
chanakya neeti in Hindi slokas 4
यो ध्रुवाणि परित्यज्य अध्रुवं परिसेवते।
ध्रुवाणि तस्य नश्यन्ति अध्रुवं नष्टमेव हि।
Yo Dhruvāṇi Parityajya Adhruvaṁ Parisevate.
Dhrvāṇī Tasya Naśyanti Adhruvaṁ Naṣtameva Hi.
Hindi Translation-
जो मनुष्य निश्चित को छोड़कर अनिश्चित के पीछे भागता है, उसका कार्य या पदार्थ नष्ट हो जाता है।
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Chanakya neeti in hindi slokas 5
वरयेत कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्।
रूपवतीं न निचस्य विवाहः सदृशे कुले।।
Transliteration-
Varayet Kulajaṁ Pragyo Virupāmapi Kanyakāṁ.
Rupavatiṁ Na Nichasya Vivāhaḥ Sadriśai Kule.
Chanakya Niti in Hindi Translation-
बुद्धिमान व्यक्ति को चाहिए कि वह श्रेष्ठ कुल में उत्पन्न हुई कुरूप अर्थात सौंदर्यहीन कन्या से भी विवाह कर ले, परन्तु नीच कुल में उत्पन्न हुई सुन्दर कन्या से विवाह न करे। वैसे विवाह अपने समान कुल में ही करना चाहिए।
Chanakya neeti in hindi slokas 6
स्त्रीणां द्विगुण आहारो बुद्धिस्तासां चतुर्गुणा।
सहसां षड्गुणं चैव कामोSष्टगुण उच्यते।।
Transliteration-
Strīṇāṁ Dviguṇa Āhāro Buddhistāsāṁ Chaturguṇā.
Sahasāṁ Ṣḍaguṇaṁ Chaiva Kāmoaṣṭaguṇa Uchyate.
Hindi Translation-
पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों का आहार अर्थात भोजन दो गुना होता है, बुद्धि चौगुनी, साहस छह गुना और कामवासना आठ गुना होती है।
Chanakya neeti in hindi slokas 7
अनृतं साहसं माया मूर्खत्वमतिलुब्धता।
अशौचत्त्वं निर्दयत्वं स्त्रीणां दोषाः स्वभावजाः।।
Transliteration-
Anr̥taṁ Sāhasaṁ Māyā Murkhatvamatilubdhatā.
Aśauchitvaṁ Nirdaystvaṁ Strīṇāṁ Doṣāḥ Svabhāvajāḥ.
झूठ बोलना, बिना सोचे-समझे किसी कार्य को प्रारंभ कर देना, दुस्साहस करना छलकपट करना, मूर्खतापूर्ण कार्य करना, लोभ करना, अपवित्र रहता और निर्दयता - ये स्त्रियों के स्वाभाविक दोष हैं।
Chanakya neeti in Hindi slokas 8
प्रलये भिन्नमर्यादा भवन्ति किल सागराः।
सागरा भेदमिच्छन्ति प्रलयेSपि न साधवः।।
Transliteration-
Pralaye Bhinnamaryādā Bhavnti Kila Sāgarāḥ.
Sāgarā Bhedamichchanti Pralayeapi Na Sādhavaḥ.
समुद्र भी प्रलय की स्थिति में अपनी मर्यादा का उल्लंघन देते हैं और किनारों को लांघकर सारे प्रदेश में फैल जाते हैं, परंतु सज्जन व्यक्ति प्रलय के समान भयंकर विपत्ति और कष्ट आने पर भी अपनी सीमा में ही रहते हैं, अपनी मर्यादा नहीं छोड़ते।
Chanakya neeti in Hindi slokas 9
अतिरूपेण वै सीता अतिगर्वेण रावणः।
अतिदानात बलिर्बद्धो अति सर्वत्र वर्जयेत।
Transliteration-
Atirupeṇa Vai Sītā Atigarveṇā Rāvaṇaḥ.
Atidānāt Balirbarddho Ati Sarvatra Varjayet.
अत्यंत रूपवती होने के कारण ही सीता का अपहरण हुआ, अधिक अभिमान होने के कारण रावण मारा गया, अत्यधिक दान देने के कारण राजा बलि को कष्ट उठाना पड़ा, इसलिए किसी भी कार्य में अति नहीं करनी चाहिए। अति का सर्वत्र त्याग कर देना चाहिए।
Chanakya neeti in Hindi slokas 10
कालः पचति भूतानि कालः संहरते प्रजाः।
कालः सुप्तेषु जागर्ति कालो हि दुरतिक्रमः।।
Transliteration-
Kālaḥ Pachati Bhūtāni Kālaḥ Sanharate Prajaḥ.
Kalaḥ Supteṣu Jāgarti Kālo Hi Duratikramaḥ.
Hindi Translation
समय सब प्राणियों को अपने पेट में पचा लेता है अर्थात सबको नष्ट कर देता है। काल ही सबकी मृत्यु का कारण होता है। जब सब लोग सो जाते हैं, तो काल ही जागता रहता है। इसमें संदेह नहीं कि काल बड़ा बलवान है। काल से पार पाना अत्यंत कठिन है।
Chanakya neeti in Hindi slokas 11
प्रभूतं कार्यमल्पं वा यन्नरः कर्तुमिच्छति।
सर्वारम्भेण तत्कार्यं सिंहदेकं प्रचक्षते।।
Transliteration-
Prabhūtaṁ Kāryamalpaṁ Vā Yannaraḥ Kartumichchati.
Sarvārambhēṇa Tatkāryaṁ Sinhadekaṁ Prachakṣate.
Hindi Translation-
कार्य छोटा हो या बड़ा व्यक्ति को शुरू से ही उसमें पूरी शक्ति लगा देनी चाहिए, यह शिक्षा हम सिंह से ले सकते हैं।
Chanakya neeti in Hindi slokas 12
धन-धान्येप्रयोगेषु विद्यासंग्रहेषु च।
आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्जः सुखी भवेत्।।
Transliteration-
Dhana-Dhanyeprayogeṣu Vidyāsangraheṣu Cha.
Āhare Vyavahāre Cha Tyaktalajjaḥ Sukhī Bhavet.
Hindi Translation-
जो व्यक्ति धन-धान्य के लेन-देन में, विद्या अथवा किसी कला को सीखने में, भोजन के समय अथवा व्यवहार में लज्जाहीन होता है, अर्थात संकोच नहीं करता वह सुखी रहता है।
Chanakya neeti in hindi slokas 13
सन्तोषस्त्रिषु कर्तव्यः स्वादरे भोजने धने।
त्रिषु चैव न कर्तव्योSध्ययने तपदानयोः।।
Transliteration-
Santoṣastriṣu Kartavyaḥ Svādare Bhojane Dhane.
Trishu Chaiva Na Kartavyoadhyayane Tapadānayoḥ.
Hindi Translation-
अपनी पत्नी, भोजन और धन -इन तीनों के प्रति मनुष्य को संतोष रखना चाहिए, परंतु विद्याध्ययन, तप और दान के प्रति कभी संतोष नहीं करना चाहिए।
Chanakya neeti in hindi slokas 14
पादाभ्यां न स्पृशेदग्निं गुरुं ब्राह्मणमेव च।
नैव गं न कुमारीं च न वृद्धं न शिशुं तथा।।
Transliteration-
Pādābhyaṁ Na Spr̥śedagniṁ Guruṁ Brāhmaṇameva Cha.
Vaiva Gaṁ Na Kumārrīṁ Cha Na Vr̥ddhaṁ Na Śiśuṁ Tathā.
Hindi Translation-
अग्नि, गुरु, ब्राह्मण, गाय, कुंवारी कन्या, बूढ़ा आदमी और छोटे बच्चे - इन सबको पैर से कभी नहीं छूना चाहिए।
Chanakya neeti in hindi slokas 15
शकटं पञ्चहस्तेन दशहस्तेन वाजिनम्।
हस्ती शतहस्तेन देशत्यागेन दुर्जनम्।।
Transliteration-
Śakaṭaṁ Panchahastena Daśahastena Vājinaṁ.
Hastī Śatahastena Deśatyāgena Durjanaṁ.
Hindi Translation-
बैलगाड़ी से पांच हाथ, घोड़े से दश हाथ और हाथी से सौ हाथ दूर रहने में ही मनुष्य की भलाई है। लेकिन दुष्ट से बचने के लिए यदि स्थान विशेष का त्याग भी करना पड़े तो हिचकना नहीं चाहिए।
Chanakya neeti in hindi slokas 16
अनुलोमेन बलिनं प्रतिलोमेन दुर्जनम्।
आत्मतुल्यबलं शत्रुं विनयेन बलेन वा।
Transliteration-
Anulomena Balinaṁ Pratilomena Durjanaṁ.
Ātmatutyabalaṁ Śatruṁ Vinayena Balena Vā.
Hindi Translation-
बलवान शत्रु को अनुकूल तथा दुर्जन शत्रुको प्रतिकूल व्यवहार द्वारा अपने वश में करें। इसी प्रकार अपने समान बल वाले शत्रु को विनम्रता या बल द्वारा, जो भी उस समय उपयुक्त हो, अपने वश में करने का प्रयन्त करना चाहिए।
Chanakya neeti in hindi slokas 17
वृद्धकाले मृता भार्या बंधुहस्ते गतं धनम्।
भोजनं च पराधीनं तिस्त्रः पुंसां विडम्बना।।
Transliteration-
Vr̥ddhakāle Mr̥tā Bhār̥yā Bandhuhaste Gataṁ Dhanaṁ.
Bhojanaṁ Cha Parādhīnaṁ Tistraḥ Puṁsāṁ Viḍambanā.
वृद्धावस्था में पत्नी का देहान्त हो जाना, धन अथवा संपत्ति का भाई-बन्धुओं के हाथ में चले जाना और भोजन के लिए दूसरों पर आश्रित रहना, यह तीनों बातें मनुष्य के लिए मृत्यु समान दुखदायी हैं।
Chanakya neeti in hindi slokas 18
नाSन्नोदकसमं दानं न तिथिर्द्वादशी समा।
न गायत्र्याः परो मन्त्रो न मातुः पर दैवतम्।।
Transliteration-
Nāannodakasamaṁ Dānaṁ Na Tithirdvādaśī Samā.
Na Gāyatrāḥ Paro Mantro Na Mātuḥ Para Daivataṁ.
Hindi Translation-
अन्न और जल के समान कोई श्रेष्ठ दान नहीं, द्वादशी के समान कोई श्रेष्ठ तिथि नहीं, गायत्री से बढ़कर कोई मंत्र नहीं और माता से बढ़कर कोई देवता नहीं।
Chanakya neeti in hindi slokas 19
पत्युराज्ञां विना नारी उपोष्य व्रतचारिणी।
आयुष्यं हरते भर्तुः सा नारी नरकं व्रजेत्।
Transliteration-
Patyurāgyāṁ Vinā Nārī Upoṣya Vratachārinī.
Āyuṣyaṁ Harate Bhartuḥ Sā Nārī Narakaṁ Vrajet.
Hindi Translation-
पति की आज्ञा के बिना जो स्त्री उपवास रूपी व्रत करती है, वह अपने पति की आयु को कम करने वाली होती है। वह स्त्री नरक में जाती है, उसे महान कष्ट भोगने पड़ते हैं।
Chanakya neeti in hindi slokas 20
किं कुलेन विशालेन विद्याहीनेन देहिनाम्।
दुष्कुलीनोSपि विद्वांश्च देवैरपि सुपूज्यते।।
Hindi Translation-
यदि कुल विद्याहीन है तो उसके विशाल और बड़े होने से कोई लाभ नहीं, यदि बुरे कुल में उत्पन्न हुआ व्यक्ति विद्वान है तो देवता लोग भी उसकी पूजा करते हैं।
Chanakya neeti in hindi slokas 21
अन्नहीनो दहेद राष्ट्रं मन्त्रहीनश्च ऋत्विजः।
यजमानं दानहीनो नास्ति यज्ञसमा रिपुः।।
Transliteration-
Annahīno Dahed Rāṣtraṁ Mantrahīnaścha R̥tvijaḥ.
Yajamānaṁ Dānahīno Nāsti Ygyasamā Ripuḥ.
Hindi Translation-
जो देश को अन्नहीन करता हो, जिसमें मंत्रों को न जानने वाले ऋत्विज हों, जिसके यजमान दान भावना से रहित हों, ऐसा यज्ञ शत्रु सामान है।
Chanakya neeti in hindi slokas 22
धनहीनो न हीनश्च धनिकः स सुनिश्चयः।
विद्यारत्नेन यो हीनः स हीनः सर्ववस्तुषु।।
Transliteration-
Dhanahīno Na Hīnaścha Dhanikaḥ Sa Suniśchayaḥ.
Vidyāratnena Yo Hīnaḥ Sa Hīnaḥ Sarvavastuṣu.
Chanakya niti in English Translation-
Hindi Translation-
धन से हीन मनुष्य हीन-हीन नहीं होता, यदि वह विद्या धन से युक्त हो तो, परंतु जिस मनुष्य के पास विद्या रूपी रत्न नहीं है, वह सभी चीजों से हीन माना जाता है।
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