Path Dhatu roop  in  Sanskrit/  पठ् धातु के/ का  रूप संस्कृत में 

🔅प्रत्येक वाक्य में एक क्रियापद होता है।🔆 

यथा -अहम् लिखामि। 

👉Each sentence has a verb. A verb is formed from a root. There are many roots in Sanskrit Language. A root is conjugated in 10 लकार .

👉A  is used to denote time or Mood of action. We have learnt that "लट्"  is used to denote present Tense, Past  Tense and "लृट्" is used for Future Tense. Given underneath is the conjugation of the root "पठ्" in the Ten "लकार" as a matter of revision.

👉पठ्  धातु का अर्थ- पढ़ना  

पठ्  = पढ़ना  

परस्मैपदी 

Path Dhatu roop  in  Sanskrit/  पठ् धातु के/ का  रूप संस्कृत में 

लट् -लकार (Present Tense-वर्तमान काल )

पुरुष 

एकवचन 

द्विवचन बहुवचन 

प्रथमपुरुष  

पठति 

पठतः  

पठन्ति  

मध्यमपुरुष

पठसि 

पठथः   

पठथ  

उत्तमपुरुष 

पठामि 

पठावः  

पठाम  

 लिट् -लकार ( Past perfect Tense)

पुरुष 

एकवचन 

द्विवचन बहुवचन 

प्रथमपुरुष  

पपाठ 

पेठतुः  

पेठूः  

मध्यमपुरुष

पेठिथ 

पेठथुः   

पेठूः  

उत्तमपुरुष 

पपाठ 

पेठिव  

पेठिम  


लुट् -लकार ( First Future Tense or Periphrastic)

पुरुष 

एकवचन 

द्विवचन बहुवचन 

प्रथमपुरुष  

पठिता 

पठितारौ  

पठितारः  

मध्यमपुरुष

पठितासि 

पठितास्थः   

पठितास्थ

उत्तमपुरुष 

पठितास्मि 

पठितास्वः   

पठितास्मः  


लृट् -लकार (भविष्यत्,  Second future Tense)

पुरुष 

एकवचन 

द्विवचन बहुवचन 

प्रथमपुरुष  

पठिष्यति 

पठिष्यतः  

पठिष्यन्ति  

मध्यमपुरुष

पठिष्यसि 

पठिष्यथः  

पठिष्यथ  

उत्तमपुरुष 

पठिष्यामि 

पठिष्यावः  

पठिष्यामः  


लोट् -लकार (अनुज्ञा, Imperative Mood)

पुरुष 

एकवचन 

द्विवचन बहुवचन 

प्रथमपुरुष  

पठतु, तात् 

पठताम्  

पठन्तु  

मध्यमपुरुष

पठ, तात् 

पठतम्  

पठत  

उत्तमपुरुष 

पठानि 

पठाव  

पठाम  


लङ् -लकार (भूतकाल, Past Tense)

पुरुष 

एकवचन 

द्विवचन बहुवचन 

प्रथमपुरुष  

अपठत् 

अपठताम्  

अपठन  

मध्यमपुरुष

अपठः 

अपठतम्  

अपठत  

उत्तमपुरुष 

अपठम् 

अपठाव  

अपठाम  


विधि लिङ् -लकार (भूतकाल, Potential Mood)

पुरुष 

एकवचन 

द्विवचन बहुवचन 

प्रथमपुरुष  

पठेत् 

पठेताम्  

पठेयुः     

मध्यमपुरुष

पठेः 

पठेतम्  

पठेत  

उत्तमपुरुष 

पठेयम् 

पठेव  

पठेम  


आशीलिंङ्-लकार (आशीर्वाद देना, Benedictive Mood)

पुरुष 

एकवचन 

द्विवचन बहुवचन 

प्रथमपुरुष  

पठ्यात् 

पाठ्यस्ताम्  

पाठ्यसुः   

मध्यमपुरुष

पठ्याः  

पठ्यास्तम्  

पठ्यास्त  

उत्तमपुरुष 

पठ्यासम् 

पठ्यास्व  

पठ्यस्म  


लुङ्- लकार (Perfect Tense) 

पुरुष 

एकवचन 

द्विवचन बहुवचन 

प्रथमपुरुष  

अपाठीत् 

अपाठिष्टाम्   

अपाठिषुः   

मध्यमपुरुष

अपाठीः  

अपाठिष्टम्   

अपाठिष्ट 

उत्तमपुरुष 

अपठषम् 

अपाठिष्व 

अपाठिष्म 


लृङ्- लकार (हेतुहेतुमद्भूत, Conditional Mood)

पुरुष 

एकवचन 

द्विवचन बहुवचन 

प्रथमपुरुष  

अपठिष्यत् 

अपठिष्यताम्  

अपठिष्यन्  

मध्यमपुरुष

अपठिष्यः 

अपठिष्यतम्  

अपठिष्यत  

उत्तमपुरुष 

अपठिष्यम् 

अपठिष्याव  

अपठिष्याम  


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