Sanskrit Shloka 1/Sanskrit Slokas with meaning/संस्कृत श्लोक अर्थ सहित
Sanskrit Slokas with meaning:
पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम्।
मूढैः पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा विधीयते।।
शब्दार्थाः:
पृथिव्यां -धरती पर (On earth)
त्रीणि- तीन ही (Three)
रत्नानि- रत्न (Jewels)
जलमन्नं- जल और अन्न (water and food)
सुभाषितम्- सुन्दर वचन (Good Saying)
मूढैः- मूर्खों के द्वारा (by the fools)
पाषाणखण्डेषु -पत्थर के टुकड़ों में (in stones)
रत्नसंज्ञा- रत्न का नाम (Names of precious stones)
विधीयते- किया जाता है (is given)
हिन्दी अनुवाद:
पृथ्वी पर जल, अन्न और सुवचन ये तीन ही रत्न हैं परन्तु मूर्खों के द्वारा पत्थर के टुकड़ों को रत्न का नाम दिया जाता है।
English Translation:
The three precious stones on earth are water, food and good sayings. But the pieces of stones are called jewels by the fools.
Read more
Post a Comment
please do not enter any spam link in the comment box.