Labh Dhatu roop in Sanskrit/ लभ् धातु के/ का रूप संस्कृत में
🔅प्रत्येक वाक्य में एक क्रियापद होता है।🔆
यथा -अहम् लिखामि।
👉Each sentence has a verb. A verb is formed from a root. There are many roots in Sanskrit Language. A root is conjugated in 10 लकार .
👉A is used to denote time or Mood of action. We have learnt that "लट्" is used to denote present Tense, Past Tense and "लृट्" is used for Future Tense. Given underneath is the conjugation of the root "लभ्" in the Ten "लकार" as a matter of revision.
👉लभ् धातु का अर्थ- पाना
लभ् = पाना
परस्मैपदी
Labh Dhatu roop in Sanskrit/ लभ् धातु के/ का रूप संस्कृत में
लट्-लकार (Present Tense-वर्तमान काल )
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | लभते | ||
मध्यमपुरुष | लभसे | ||
उत्तमपुरुष | लभे |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | लेभे | ||
मध्यमपुरुष | लेभिषे | ||
उत्तमपुरुष | लेभे |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | |||
मध्यमपुरुष | लब्धासे | ||
उत्तमपुरुष | लब्धाहे |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | लप्स्यते | ||
मध्यमपुरुष | लप्स्यसे | ||
उत्तमपुरुष | लप्स्ये |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | लभताम् | ||
मध्यमपुरुष | लभस्व | ||
उत्तमपुरुष | लभै |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | अलभत | ||
मध्यमपुरुष | अलभयाः | ||
उत्तमपुरुष | अलभे |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | लभेत | ||
मध्यमपुरुष | लभेथाः | ||
उत्तमपुरुष | लभेय |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | लप्सीष्ट | ||
मध्यमपुरुष | लप्सिष्ठाः | ||
उत्तमपुरुष | लप्सीय |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | अलब्ध | ||
मध्यमपुरुष | अलब्धाः | ||
उत्तमपुरुष | अलप्सि | अलप्स्महि |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | अलप्स्यत | ||
मध्यमपुरुष | अलप्स्यथा | ||
उत्तमपुरुष | अलप्स्ये |
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