Important Mantras from Rig-Veda


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 ब्राह्मणोSस्य मुखमासीद्, बाहू राजन्यः कृतः। 

अर्थ : इनका मुख ब्राह्मण हुआ, दोनों बाहुओं से क्षत्रिय बनाया गया, दोनों उरुओं से वैश्य हुआ और पैरों से शूद्र उत्पन्न हुआ। 

सहस्राक्षेण शतशारदेन शतायुषा हविषा हार्षमेनम्। 

शतं यथेनं शरदो नयातीन्द्रो विश्वस्य दुहितस्य पारम्।।(ऋग्वेद 10.161.3)

अर्थ: मैनें जो आहुति दी है, उसके एक सहस्र नेत्र सौ वर्ष की परमायु और आयु देते हैं। 


अग्निमीळे पुरोहितं यज्ञस्य देवमृत्विजं। 

होतारं रत्नधातमम्।। ऋग्वेद 1.1.1 

अर्थ:  यज्ञ के पुरोहित, दीप्तिमान, देवों को बुलाने वाले ऋत्विक और रत्नधारी अग्नि  मैं स्तुति करता हूँ।  


तस्मात् यज्ञात् सर्वहुतः ऋचः सामानि जज्ञिरे। 

छन्दांसि जज्ञिरे तस्मात् यजुस्तस्मादजायत्।।

अर्थ: सर्वात्मक पुरुष के होम से युक्त उस यज्ञ से ऋक और साम उत्पन्न हुए।  उससे गायत्री आदि छन्द उत्पन्न हुए और उसी से यजुः की भी उत्पत्ति हुई। 


अहम् राष्ट्री संगमनी वसूनां-

अर्थ: ,मैं राज्य की अधीश्वरी हूँ और धन देने वाली हूँ। 


हिरण्यगर्भः समवर्तताग्रे भूतस्य जातः पतिरेक आसीत्। 

अर्थ: सबसे पहले केवल परमात्मा या हिरण्यगर्भ थे। उत्पन्न होने पर वे सारे प्राणियों के अद्वितीय अधीश्वर थे। 


न वै स्त्रैणानि सख्यानि सन्ति। 

अर्थ: स्त्रियों के प्रेम व मैत्री स्थायी नहीं होता। 


पुरुष एवेदं सर्वं यद भूतं, यच्च भव्यम्। 

अर्थ: जो कुछ हुआ है, और जो कुछ होने वाला है, सो सब ईश्वर (पुरुष) ही है। 


सहस्रशीर्षापुरुषः सहस्राक्षः सहस्रपात्। 

अर्थ: विराट पुरुष (ईश्वर)  सहस्र (अनन्त) शिरों, अनन्त चक्षुओं और अनन्त चरणों वाले  है। 


ऋचां त्वः पोषमास्ते पुपुष्वान्। 

अर्थ: एक जन अनेक ऋचाओं का स्तव करते हुए, यज्ञानुष्ठान में सहायता करते हैं। 


      समानी व आकूतिः, समाना हृदयानि वः। 

अर्थः पुरोहितों की स्तुति एक सी हो, इनका आगमन एक साथ हो, और इनके मन तथा चित्त एक समान हों।

 

द्यावा चिदस्मै पृथिवी नमेते। (ऋ. 2.12.13)

अर्थः इन्द्र के लिये द्युलोक और पृथिवी लोक भी प्रणाम करने के लिये स्वयं झुक जाते हैं। 


पापमाहुर्यः स्वसारं निगच्छात्। (ऋ. 10.10.12)

अर्थः जो भ्राता भगिनी का सम्भोग करता है, उसे लोग पापी कहते हैं। 


बृहस्पतिर्या अविन्दन् निगूढाः सोमो ग्रावाण ऋषयश्च विप्राः। (ऋ. 10.108.11)

अर्थः बृहस्पति, सोम, सोमाभिषव कर्त्ता पत्थर, ऋषि और मेधावी लोग इस गुप्त स्थान में स्थित गायों की बात जान गये हैं।   

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