सुंदरता पर संस्कृत श्लोक हिंदी अर्थ सहित/ Sanskrit shlokas on Beauty with Hindi meaning
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ऐताः स्खलद्वलयसंहतिमेखलोत्थ-
झङ्कारनुपुरपराजितराजहंस्य: ।।
कुर्वन्ति कस्य न मनो विवशम् तरुण्यो
वित्रस्तमुग्धहरिणीसदृशैः कटाक्षैः ।।
Hindi Meaning:
चञ्चल कङ्गन, ढीली कौंधनी और पायजेबों के घुंघरुओं की मधुर झनकार से राजहंसों को शर्मानेवाली नवयुवती सुंदरियाँ, भयभीत हिरणी के समान कटाक्ष करके, किसके मन को विवश नहीं कर देती ?
अत्यन्त सफ़ेद चन्दन जिनके हाथो में लग रहा है, ऐसी मृगनयनी सुंदरियाँ, फ़व्वारेदार घर, फूल, चाँदनी, मन्दी हवा और महल की साफ़ छत – ये सब गर्मी के मौसम में, मद और मदन, दोनों ही को बढ़ाते हैं ।
सुंदरता पर संस्कृत श्लोक हिंदी अर्थ सहित
Hindi Meaning:
॥वसन्ततिलका॥
अच्छाच्छचन्दनरसार्द्रकरा मृगाक्ष्यो
धारागृहाणि कुसुमानि च कौमुदी च ॥
मन्दो मरुत्सुमनसः शुचि हर्म्यपृष्ठं
ग्रीष्मे मदं च मदनं च विवर्धयन्ति ॥
Hindi Meaning:
सुंदरता पर संस्कृत श्लोक हिंदी अर्थ सहित
॥शिखरिणी॥
स्रजो हृद्यामोदा व्यजनपवनश्चन्द्रकिरणाः
परागः कासारो मलयजरसः सीधु विशदम् ॥
शुचिः सौधोत्सङ्गः प्रतनु वसनं पङ्कजदृशो
निदाधार्ता ह्येतत्सुखमुपलभन्ते सुकृतिनः ॥
Hindi Meaning:
मनोहर सुगन्धित माला, पंखे की हवा, चन्द्रमा की किरणे, फूलों का पराग, सरोवर, चन्दन की रज, उत्तम मदिरा, महल की उत्तम छत, महीन वस्त्र और कमलनयनी सुंदरी – इन सब उत्तमोत्तम पदार्थों का, गर्मी के तेजी से विकल हुए, कोई कोई भाग्यवान पुरुष ही आनन्द ले सकते हैं ।
Hindi Meaning:
॥मालिनी॥
किमिह बहुभिरुक्तैर्युक्तिशून्यैः प्रलापैः
द्वयमिह पुरुषाणां सर्वदा सेवनीयम् ॥
अभिनवमदलीलालालसं सुंदरीणां
स्तनभरपरिखिन्नं यौवनं व वनं वा ॥
Hindi Meaning:
युक्तिशून्य वृथा प्रलाप से क्या प्रयोजन? इस जगत में दो ही वस्तुएं सेवन करने योग्य हैं – (१) नवीन मदान्ध लीलाभिलाषिणी और स्तनभार से खिन्न सुंदरियों का यौवन अथवा (२) वन ।
Hindi Meaning:
नारी निरखि न देखिये, निरखि न कीजे दौर ।
देखत ही तें विष चढ़े, मन आवे कछु और ।।
सर्व सोना कि सुंदरी, आवे बॉस-सुबास।
जो जननी हो अपनी, तोहू न बैठे पास।।
Hindi Meaning:
स्त्री को कभी घूरकर न देखना चाहिए, उससे आँखें न मिलनी चाहिए । क्योंकि स्त्री के देखने से ही विष चढ़ता है और फिर मन बिगड़ जाता है। अगर सुंदरी सोने कि भी हो और उसमे सुगंध आ रही हो; यदि वह अपने पैदा करने वाली महतारी हो, तो भी उसके पास न बैठना चाहिए।
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॥अनुष्टुभ्॥
नामृतं न विषं किञ्चिदेकां मुक्त्वा नितम्बिनीम् ।
सैवामृतरुता रक्ता विरक्ता विषवल्लरी ॥
Hindi Meaning:सुंदरी नितम्बिनी को छोड़कर न और अमृत है और न विष । स्त्री अगर अपने प्यारे को चाहे तो अमृत लता है और जब वह उसे न चाहे तो निश्चय ही विष की मञ्जरी है ।
॥अनुष्टुभ्॥
वेश्याऽसौ मदनज्वाला रूपेन्धनविवर्धिता ।
कामिभिर्यत्र हूयन्ते यौवनानि धनानि च ॥
Hindi Meaning:
यह वैश्य सुंदरता रुपी इन्धन से जलती हुई प्रचंड कामाग्नि है । कामी पुरुष इस अग्नि में अपने यौवन और धन की आहुति देते हैं
Hindi Meaning:
मृगनयनी कामिनियों के प्रणय प्रीती से मधुर प्रेम रस से पगे, काम की अधिकता से मन्दे, सुनने में आनन्दप्रद, प्रायः अस्पष्ट और समझ में न आने योग्य, सहज सुन्दर, विश्वासयोग्य और कामोद्दीपन करने वाले वचन, यदि स्वछन्दतापूर्वक एकान्त में कहे जाएं तो निश्चय ही सुनने वाले के मन को हर लेते हैं ।
Sanskrit shlokas on Beauty with Hindi meaning
हे बाले ! लीला से जरा जरा खुले हुए नेत्रों से सुन्दर कटाक्ष हम पर क्यों फेंकती है ? विश्राम ले ! विश्राम ले ! हमारे लिए तेरा यह श्रम व्यर्थ है । क्योंकि अब हम पहले जैसे नहीं रहे; अब हमारा छछोरपन चला गया, अज्ञान दूर हो गया । हम बन में रहते हैं और जगज्जाल को तिनके के सामान समझते हैं ।
Sanskrit slokas on Beauty with Hindi meaning
Hindi Meaning:
॥मंदाक्रान्ता॥
बाले लीलामुकुलितममी सुंदरा दृष्टिपाताः
किं क्षिप्यन्ते विरम विरम व्यर्थ एष श्रमस्ते ॥
सम्प्रत्यन्त्ये वयसि विरतं बाल्यमास्था वनान्ते
क्षीणो मोहस्तृणमिव जगज्जालमालोकयामः ॥
Hindi Meaning:
Sanskrit slokas on Beauty with Hindi meaning
शुभ्रं सद्य सविभ्रमा युवतयः श्वेतातपत्रोज्ज्वला
लक्ष्मीर् इत्य् अनुभूयते स्थिरम् इव स्फीते शुभे कर्मणि ।
विच्छिन्ने नितराम् अनङ्ग-कलह-क्रीडा-त्रुटत्-तन्तुकं
मुक्ता-जालम् इव प्रयाति झटिति भ्रश्यद्-दिशो दृश्यताम् ॥
Hindi Meaning:
जब तक मनुष्य के पूर्वजन्म के शुभ कर्मों का प्रभाव रहता है, तब तक उज्जवल भवन, हाव्-भाव युक्त सुंदरी नारियां और सफ़ेद छत्र चँवर प्रभृति से शोभायमान लक्ष्मी – ये सब स्थिर भाव से भोगने में आते हैं; किन्तु पूर्वजन्म के पुण्यों का क्षय होते ही, ये सब सुखैश्वर्य के समान – कामदेव की क्रीड़ा के कलह में टूटे हुए हार के मोतियों के समान – शीघ्र ही जहाँ तहाँ लुप्त हो जाते हैं ।
Hindi Meaning:
श्रोत्रं श्रुतेनैव न कुंडलेन, दानेन पाणिर्न तु कंकणेन ,
विभाति कायः करुणापराणां, परोपकारैर्न तु चन्दनेन ||
Hindi Meaning:
कुंडल पहन लेने से कानों की शोभा नहीं बढ़ती, अपितु ज्ञान की बातें सुनने से होती है | हाथ, कंगन धारण करने से सुन्दर नहीं होते, उनकी शोभा दान करने से बढ़ती हैं | सज्जनों का शरीर भी चन्दन से नहीं अपितु परहित में किये गये कार्यों से शोभित होता हैं।
Hindi Meaning:
जरा रूपं हरति, धैर्यमाशा, मॄत्यु: धर्मचर्यामसूया !!
Hindi Meaning:
वृद्धावस्था एक ऐसी अवस्था होती है जिसमे पहुँचने के बाद वह सभी मनुष्य की सुंदरता, धैर्य आशा (इच्छा)मृत्यु, धर्म का आचरण, सुख–दुःख, काम, अभिमान, पद-प्रतिष्ठा सब को हर (छीन, नाश) लेती है
Hindi Meaning:
स्मितं किञ्चिद् वक्त्रे सरलतरलो दृष्टिविभवः
परिस्पन्दो वाचामभिनवविलासोक्तिसरसः ॥
गतानामारम्भः किसलयितलीलापरिकरः
स्पृशन्त्यास्तारुण्यं किमिह न हि रम्यं मृगदृशः ॥
Hindi Meaning:
उठती जवानी की मृगनयनी सुंदरियों के कौन से काम मनोमुग्धकर नहीं होते ? उनका मन्द-मन्द मुस्काना, स्वाभाविक चञ्चल कटाक्ष, नवीन भोग-विलास की उक्ति से रसीली बातें करना और नखरे के साथ मन्द-मन्द चलना – ये सभी हाव-भाव कामियों के मन को शीघ्र वश में कर लेते हैं।
जिसकी देह पर केसर लगी है, गोर गोर स्तनों पर हार झूल रहा है और नूपुर रुपी हंस जिसके चरणकमलों में मधुर मधुर शब्द कर रहे हैं – ऐसी सुन्दरी इस पृथ्वी पर किसके मन को वश में नहीं कर लेती ?
कामदेव निश्चय ही सुन्दर भौंहवाली स्त्रियों की आज्ञापालन करने वाला चाकर है; क्योंकि जिनपर उनके कटाक्ष पड़ते हैं, उन्ही को वह जा दबाता है ।
Sanskrit shlokas on Beauty
Hindi Meaning:
कुङ्कुमपङ्ककलङ्कितदेहा गौरपयोधरकम्पितहारा ।
नूपुरहंसरणत्पदपद्मा कं न वशीकुरुते भुवि रामा ॥
Hindi Meaning:
नूनमाज्ञाकरस्तस्याः सुभ्रुवो मकरध्वजः ।
यतस्तन्नेत्रसञ्चारसूचितेषु प्रवर्तते ॥
Hindi Meaning:
Sanskrit shlokas on Beauty
॥अनुष्टुभ्॥
मुग्धे! धानुष्कता केयमपूर्वा त्वयि दृश्यते ।
यया विध्यसि चेतांसि गुणैरेव न सायकैः ॥
Hindi Meaning:
हे मुग्धे सुन्दरी ! धनुर्विद्या में ऐसी असाधारण कुशलता तुझमे कहाँ से आयी, कि बाण छोड़े बिना, केवल गुण से ही तू पुरुष के ह्रदय को बेध देती है ?
यद्यपि दीपक, अग्नि, तारे, सूर्या और चन्द्रमा सभी प्रकाशमान पदार्थ मौजूद हैं, पर मुझे एक मृगनयनी सुन्दरी बिना सारा जगत अन्धकार पूर्ण दिखता है ।
॥अनुष्टुभ्॥
सति प्रदीपे सत्यग्नौ सत्सु नानामणिष्वपि ।
विना मे मृगशावाक्ष्या तमोभूतमिदं जगत् ॥
Hindi Meaning:
॥वसंततिलका॥
तस्याः स्तनौ यदि घनौ, जघनं च हारि
वक्त्रं च चारु तव चित्त किमाकुलत्वम् ॥
पुण्यं कुरुष्व यदि तेषु तवास्ति वाञ्छा
पुण्यैर्विना न हि भवन्ति समीहितार्थाः ॥
हे चित्त ! उस स्त्री के पुष्ट स्तनों, मनोहर जाँघों और सुन्दर मुख को देखकर वृथा क्यों व्याकुल होते हो ? यदि तुम उसके कठोर स्तनों कि प्रभृत्ति का आनन्द लेना ही चाहते हो, तो पुण्य करो; क्यूंकि बिना पुण्य किये मनोरथ सिद्ध नहीं होते ।
Hindi Meaning:
प्रणयमधुराः प्रेमोद्गाढा रसादलसास्ततो
भणितिमधुरा मुग्धप्रायाः प्रकाशितसम्मदाः ॥
प्रकृतिसुभगा विश्रम्भार्हाः स्मरोदयदायिनो
रहसि किमपि स्वैरालापा हरन्ति मृगीदृशाम् ॥
Hindi Meaning:
मृगनयनी कामिनियों के प्रणय प्रीती से मधुर प्रेम रस से पगे, काम की अधिकता से मन्दे, सुनने में आनन्दप्रद, प्रायः अस्पष्ट और समझ में न आने योग्य, सहज सुन्दर, विश्वासयोग्य और कामोद्दीपन करने वाले वचन, यदि स्वछन्दतापूर्वक एकान्त में कहे जाएं तो निश्चय ही सुनने वाले के मन को हर लेते हैं ।
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