Short Sanskrit Slokas for Instagram Bio on Karma/ Instagram Bio on Karma
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कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतु र्भूर्मा ते संगोस्त्वकर्मणि ।।
Hindi Meaning: भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि हे अर्जुन। कर्म करने में तेरा अधिकार है। कर्म के फल का अधिकार तेरे पास नहीं है। इसलिए तू कर्मों के फल का हेतु मत हो और न ही कर्म न करने के भाव मन में ला। अतः कर्म कर फल की चिंता मत कर
ध्रुवं न नाशोऽस्ति कृतस्य लोके।
कर्मणा प्राप्यते स्वर्गः सुखं दुःखं च भारत ।
Hindi Meaning: भरतनंदन! मनुष्य अपने कर्मों से स्वर्ग, सुख और दुःख पाता है।
न हि नाशोऽस्ति वार्ष्णेय कर्मणोः शुभपापयोः ।
Hindi Meaning: वार्ष्णेय! किये गये अच्छे और बुरे कर्मों का नाश, उनका भोग(फल) मिले बिना नहीं होता।।
इह क्षेत्रे क्रियते पार्थ कार्यं न वैकिंचित क्रियते प्रेत्यकार्यम्।
Hindi Meaning: पार्थ! इसी शरीर के रहते पाप- पुण्य कर्म किए जा सकते हैं मरने के बाद कोई कर्म नहीं किया जा सकता।
कर्म पर संस्कृत श्लोक one line
नूनं पूर्वकृतं कर्म सुधारमनुभूयते।।
Hindi Meaning: सभी लोग अपने पहले किए गए कर्मों का फल अवश्य भोगते हैं।
सर्वे कर्मवशा वयम्।
Hindi Meaning: सब कर्म के ही अधीन हैं।अवश्यकरणीय च मा त्वां कालोऽत्यागदयम्।
Hindi Meaning: जो कर्म अवश्य करना है, उसे कर डालो, समय बीत ना जाये।
तथा नक्षत्राणि कर्मणामुत्र भान्ति रुद्रादित्या वसवोऽथापि विश्वे।
Hindi Meaning: रुद्र, आदित्य, वसु, विश्वेदेव और सारे नक्षत्र भी कर्म से ही प्रकाशित हो रहे हैं।
बह्मविद्यां ब्रह्मचर्यं क्रियां च निषेवमाणा ऋषयोऽमुत्रभान्ति।
Hindi Meaning: ऋषि भी वेदज्ञान, ब्रह्मचर्य और कर्म का पालन करके ही तेजस्वी बनते हैं।
न श्वः श्वमुपासीत। को ही मनुष्यस्य श्वो वेद।
Hindi Meaning: कल के भरोसे मत बैठो। कर्म करो, मनुष्य का कल किसे ज्ञात है?
नान्यः कर्तुः फलं राजन्नुपभुङ्क्ते कदाचन।
Hindi Meaning: कोई भी व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के कर्मों का फल भी भोक्ता है।
अकर्मा दस्युः।
Hindi Meaning: कर्महीन मनुष्य दुराचारी है।
शुभं हि कर्म राजेन्द्र शुभत्वायोपपद्यते।।
Hindi Meaning: राजेन्द्र! शुभ कर्म कल्याण के लिए ही होता है।
कृतमन्वेति कर्तारं पुराकर्म दिजोत्तम्।।
कर्मणा वर्धते धर्मो यथा धर्मस्तथैव सः।।
Hindi Meaning: कर्म से ही धर्म बढ़ता है। जो जैसा धर्म अपनाता है, वह वैसा ही हो जाता है।।
कर्म ज्यायो ह्यकर्मणः।
Hindi Meaning: अकर्म कि अपेक्षा कर्म श्रेष्ठ होता है।
दिवसेनैव तत् कुर्याद् येन रात्रौ सुखं वसेत्।
Hindi Meaning: दिनभर ऐसा कार्य करो जिससे रात में चैन की नींद आ सके।
ज्ञेय: स नित्यसंन्न्यासी यो न द्वेष्टि न काङ् क्षति |
निर्द्वन्द्वो हि महाबाहो सुखं बन्धात्प्रमुच्यते ||
Hindi Meaning: जो पुरुष न तो कर्मफलों से घृणा करता है और न कर्मफल की इच्छा करता है, वह नित्य संन्यासी जाना जाता है। हे महाबाहु अर्जुन! मनुष्य समस्त द्वन्दों से रहित होकर भवबंधन को पार कर पूर्णतया मुक्त्त हो जाता है।
योगयुक्तो विशुद्धात्मा विजितात्मा जितेन्द्रिय: |
सर्वभूतात्मभूतात्मा कुर्वन्नपि न लिप्यते ||
Hindi Meaning: जो भक्तिभाव से कर्म करता है, जो विशुद्ध आत्मा है और अपने मन तथा, इन्द्रियों को वश में रखता है, वह सभी को प्रिय होता है और सभी लोग उसे प्रिय होते हैं। ऐसा व्यक्ति कर्म करता हुआ भी कर्म नहीं बँधता।
ब्रह्मण्याधाय कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा करोति य: |
लिप्यते न स पापेन पद्मपत्रमिवाम्भसा ||
Hindi Meaning: जो व्यक्ति कर्मफलों को परमेश्वर को समर्पित करके आसक्तिरहित होकर अपना कर्म करता है, वह पापकर्मों से उसी प्रकार अप्रभावित रहता है, जिस प्रकार कमलपत्र जल से अस्पृश्य रहता है।
कर्म पर संस्कृत श्लोक गीता
सर्वकर्माणि मनसा संन्यस्यास्ते सुखं वशी |
नवद्वारे पुरे देही नैव कुर्वन्न कारयन् ||
Hindi Meaning: जब देहधारी जीवात्मा अपनी प्रकृति को वश में कर लेता है, और मन से समस्त कर्मों का परित्याग कर देता है, तब वह नौ द्वारों वाले नगर (भौतिक शरीर) में बिना कुछ किए कराये सुखपूर्वक रहता है।
अचोद्यमानानि यथा, पुष्पाणि फलानि च।
स्वं कालं नातिवर्तन्ते, तथा कर्म पुरा कृतम्।
Hindi Meaning: जैसे फूल और फल बिना किसी प्रेरणा से स्वतः समय पर उग जाते हैं, और समय का अतिक्रमण नहीं करते, उसी प्रकार पहले किये हुए कर्म भी यथासमय ही अपने फल (अच्छे या बुरे) देते हैं। अर्थात कर्मों का फल अनिवार्य रूप से मिलता है।
न प्रहृष्येत्प्रियं प्राप्य नोद्विजेत्प्राप्य चाप्रियम् |
स्थिरबुद्धिरसम्मूढो ब्रह्मविद् ब्रह्मणि स्थित: ||
Hindi Meaning: जो न तो प्रिय वस्तु को पाकर हर्षित होता है और न अप्रिय को पाकर विचलित होता है, जो स्थिरबुद्धि है, जो मोहरहित है और भगवद्विद्या को जानने वाला है वह पहले से ही ब्रह्म में स्थित रहता है।
योगस्थ: कुरु कर्माणि संग त्यक्तवा धनंजय।
सिद्धय-सिद्धयो: समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते।।
Hindi Meaning: हे धनंजय (अर्जुन)। कर्म न करने का आग्रह त्यागकर, यश-अपयश के विषय में समबुद्धि होकर योगयुक्त होकर, कर्म कर, (क्योंकि) समत्व को ही योग कहते हैं।
विहाय कामान् य: कर्वान्पुमांश्चरति निस्पृह:।
निर्ममो निरहंकार स शांतिमधिगच्छति।।
Hindi Meaning: जो मनुष्य सभी इच्छाओं व कामनाओं को त्याग कर ममता रहित और अहंकार रहित होकर अपने कर्तव्यों का पालन करता है, उसे ही शांति प्राप्त होती है।
न हि कश्चित्क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत्।
कार्यते ह्यश: कर्म सर्व प्रकृतिजैर्गुणै:।।
Hindi Meaning: कोई भी मनुष्य क्षण भर भी कर्म किए बिना नहीं रह सकता। सभी प्राणी प्रकृति के अधीन हैं और प्रकृति अपने अनुसार हर प्राणी से कर्म करवाती है और उसके परिणाम भी देती है।
नियतं कुरु कर्म त्वं कर्म ज्यायो ह्यकर्मण:।
शरीरयात्रापि च ते न प्रसिद्धयेदकर्मण:।।
Hindi Meaning: तू शास्त्रों में बताए गए अपने धर्म के अनुसार कर्म कर, क्योंकि कर्म न करने की अपेक्षा कर्म करना श्रेष्ठ है तथा कर्म न करने से तेरा शरीर निर्वाह भी नहीं सिद्ध होगा।
यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जन:।
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते।।
Hindi Meaning: श्रेष्ठ पुरुष जैसा आचरण करते हैं, सामान्य पुरुष भी वैसा ही आचरण करने लगते हैं। श्रेष्ठ पुरुष जिस कर्म को करता है, उसी को आदर्श मानकर लोग उसका अनुसरण करते हैं।
न बुद्धिभेदं जनयेदज्ञानां कर्म संगिनाम्।
जोषयेत्सर्वकर्माणि विद्वान्युक्त: समाचरन्।।
Hindi Meaning: ज्ञानी पुरुष को चाहिए कि कर्मों में आसक्ति वाले अज्ञानियों की बुद्धि में भ्रम अर्थात कर्मों में अश्रद्धा उत्पन्न न करे किंतु स्वयं परमात्मा के स्वरूप में स्थित हुआ और सब कर्मों को अच्छी प्रकार करता हुआ उनसे भी वैसे ही करावे।
कर्मणामी भान्ति देवाः परत्र कर्मणैवेह प्लवते मातरिश्वा।
अहोरात्रे विदधत् कर्मणैव अतन्द्रितो नित्यमुदेति सूर्यः।।
Hindi Meaning: कर्म से ही देवता चमक रहे हैं। कर्म से ही वायु बह रही है। सूर्य भी आलस्य से रहित कर्म करके नित्य उदय होकर दिन और रात का विधान कर रहा है।।
प्रायशो हि कृतं कर्म नाफलं दृश्यते भुवि।
अकृत्वा च पुनर्मुःखं कर्म पश्येन्ममहाफलम्।।
Hindi Meaning: प्राय देखने में आता है कि इस संसार में किए गए कर्म का फल मिलता है। काम न करने से दुख ही मिलता है। कर्म महान फलदायक होता है।।
अवेक्षस्व यथा स्वैः स्वैः कर्मभिर्व्यापृतं जगत्।
तस्मात कर्मैव कर्त्तव्यं नास्ति सिद्धिरकर्मणः।।
Hindi Meaning: देखिए सारा संसार अपने-अपने कार्यों में लगा हुआ है ।इसीलिए हमें भी अपने कर्तव्य कर्म करने चाहिए। काम न करने वाले को सफलता नहीं मिलती।
कर्म चात्महितं कार्यं तीक्ष्णं वा यदि वा मृदु ।
ग्रस्यतेऽकर्मशीलस्तु सदानथैरकिञ्न।।
Hindi Meaning: जो अपने लिए हितकर कठोर या कोमल कर्म हो, उसे करना चाहिए। जो काम नहीं करता, वह निर्धन हो जाता है और उसे मुसीबतें घेर लेते हैं।।यत् कृतं स्याच्छुभं कर्मं पापं वा यदि वाश्नुते।
तस्माच्छुभानि कर्माणि कुर्याद् वा बुद्धिकर्भिः।।
Hindi Meaning: मनुष्य जो भी अच्छे-बुरे कर्म करता है। उनका फल उसे भोगना पड़ता है इसीलिए मन, बुद्धि और शरीर से सदा अच्छे कर्म करने चाहिए।।किंचिद् दैवाद हठात् किंचिद् किंचिदेव स्वकर्मभिः।
प्राप्नुवन्ति नरा राजन्मा तेऽस्त्वन्या विचारणा।।
Hindi Meaning: राजन! विवेकशील पुरुषों को कर्मों का कुछ फल प्रारब्धवश मिलता है। कुछ फल हठात प्राप्त होता है और कुछ कर्मों का फल अपने कर्मों से ही प्राप्त होता है।
विषमांच दशां प्राप्तो देवान् गर्हति वै भृशम्।
आत्मनः कर्मदोषाणि न विजानात्यपण्डितः।
शुभैः प्रयोगैर्देवत्वं व्यामिश्रेर्मानुषो भवेत्।
मोहनीयैर्वियोनीषु त्वधोगामी च किल्विषी।।
Hindi Meaning: अच्छे कर्म करने से जीव को देव योनि मिलती है जीव अच्छे और बुरे कर्म करने से मनुष्य योनि में मोह में डालने वाले तामसिक कर्म करने से पशु पक्षी योनियों में तथा पाप कर्म करने से नरक में जाता है।
स चेन्निवृत्तबन्धस्तु विशुद्धश्चापि कर्मभिः।
तपोयोग सभारम्भकरुते द्विजसत्तम्।।
Hindi Meaning: विप्रवर बंधन के कारण बने कर्मों का भोग पूरा हो जाने पर और अच्छे कर्मों से मन और शरीर शुद्ध हो जाने पर मनुष्य तपस्या और योगाभ्यास शुरू कर देता है।
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