Sanskrit Slokas with meaning in Hindi/Sanskrit shlok with Meaning


Here are mention some Sanskrit Slokas with meaning in Hindi, those are help you to motivate your self confidents and your self conscious.

संस्कृत श्लोक हिन्दी अनुवाद सहित (Sanskrit Slokas with meaning in Hindi) 

1. Shlok:


कोऽर्थः पुत्रेण जातेन यो न विद्वान न धार्मिकः ।

कथञचित्स्वोदरभराः किन्न शूकर शावकाः ।।


Hindi Meaning: उस पुत्र का कोई प्रयोजन नहीं है, जो ज्ञानी न हो,या जिसे विद्या का ज्ञान न हो,और ना ही वह धार्मिक प्रवृत्ति हो। सूवर को बहुत तुच्छ माना जाता है तो क्या उसके बच्चे किसी तरह अपना पेट नही भरते है।


2. Shlok
 अजराऽमरवत्प्राज्ञो विद्यामर्थञ्च चिन्तयेत् ।

गृहीत इव केशेषु मृत्युना धर्ममाचरेत् ।।


Hindi Meaning: बुद्धिमान मनुष्य अपने को बुढापा और मृत्यु से रहित समझकर विद्या और धन का उपार्जन करे और मृत्यु मानों सिर पर सवार है ऐसा समझकर धर्म का पालन करता रहे।


3. Shlok
अजातमृतमूर्खाणां वरमाद्यौ न चान्तिमः ।

सकृद् दुखकरावाद्यावन्तिमस्तु पदे पदे ।।


Hindi Meaning: या तो बालक उत्पन्न ही न हुआ हो , या उत्पन्न होकर उसी समय मर गया हो,और मूर्ख क्योंकि इनके मरने पर उतना दुख नही होता है। लेकिन अगर मरा भी नही और मूर्ख पैदा हो गया हो तो वह जीवन भर बार-बार दुख देता है।



4. Shlok
 विद्या ददाति विनयं विनयाद्याति पात्रताम् ।

पात्रात्वाद्धनमाप्नोति धनाद्धर्मम् ततः सुखम् ।।

Hindi Meaning: विद्या से विनय ,विनय से योग्यता,योग्यता से धन,धन से धर्म और धर्म से सुख की प्राप्ति होती है।



5. Shlok
अनेकसंशयोच्छेदि परोक्षार्थस्य दर्शकम् ।

सर्वस्य लोचनं शास्त्रं यस्य नास्त्यन्ध एव सः ।।

Hindi Meaning: अनेक संशयो को मिटाने वाला ,भूत एवं भविष्य को तथा अप्रत्यक्ष को प्रत्यक्ष के समान दिखानेवाला, शास्त्ररूपी दिव्यचक्षु जिसके पास नहीं है,वह वास्तव में अन्धा है।



6. Shlok
यन्नवे भाजने लग्नः,संस्कारो नान्यथा भवेत ।

कथाच्छलेन बालानां नीतिस्तदिह कथ्यते ।।


Hindi Meaning: जिस कारण मिट्टी के कच्चे पात्र में किया हुआ रेखा आदि कलात्मक संस्कार उसके पकाये जाने पर कभी मिट नहीं सकता इसी कारण कोमल बुद्धिवाले बालकों को अनेक कथाओं के बहाने से नीती वचन बताता हूं।



7. Shlok
माता मित्रं पिता चेति स्वभावात् त्रितयं हितम्।

कार्यकारणतश्चान्ये भवन्ति हितबुद्धयः॥

Hindi Meaning: माता, पिता और मित्र तीनों ही स्वभावतः ही हमारे हित के लिए सोचते हैं, वे हमारे हित करने के बदले में किसी प्रकार की अपेक्षा नहीं रखते। इन तीनों के सिवाय अन्य लोग यदि हमारे हित की सोचते हैं तो वे उसके बदले में हमसे कुछ न कुछ अपेक्षा भी रखते हैं।





8. Shlok

वदनं प्रसादसदनं सदयं हृदयं सुधामुचो वाचः।

करणं परोपकरणं येषां केषां न ते वन्द्याः।।

Hindi Meaning: सदैव प्रसन्न-वदन (हँसमुख), हृदय में दया की भावना रखने वाले, अमृत के समान मीठे वचन बोलने वाले तथा परोपकार में लिप्त रहने वाले व्यक्ति भला किसके लिए वन्दनीय नहीं होगा।




9. Shlok
दाने तपसि शौर्ये च यस्य न प्रथितं वशः ।

विद्यायामर्थलाभे च मातुरूच्चार एव सः ।।


Hindi Meaning: जिस पुरष की कीर्ति दान देने में, तपस्या में, वीरता में,विद्योपार्जन में नहीँ फैली वह पुरूष अपनी माता की केवल विष्ठा के समान होता है।





10. Shlok:
 यस्य कस्य प्रसूतोऽपि गुणवान्पूज्यते नरः ।

धनुर्वशविशुद्धोऽपि निर्गुणः किं करिष्यति ।।


Hindi Meaning: किसी भी वंश में उत्पन्न मनुष्य यदि गुणी है,तो समाज में उसका सम्मान होता है।जैसे श्रेष्ठ बांस से बने हुए भी गुण रहित धनुष से क्या उपयोग लिया जा सकता है, अर्थात कोई नहीं ।





11. Shlok:
 काको कृष्णः पिको कृष्णः को भेदो पिककाकयो।

वसन्तकाले संप्राप्ते काको काकः पिको पिकः॥


Hindi Meaning: कोयल भी काले रंग की होती है और कौवा भी काले रंग का ही होता है फिर दोनों में क्या भेद (अन्तर) है? वसन्त ऋतु के आगमन होते ही पता चल जाता है कि कोयल कोयल होती है और कौवा कौवा होता है।




12. Shlok
न चौर्यहार्यं न च राजहार्यं न भ्रातृभाज्यं न च भारकारि।

व्यये कृते वर्धत व नित्यं विद्याधनं सर्वधनप्रधानम॥


Hindi Meaning: न तो इसे चोर चुरा सकता है, न ही राजा इसे ले सकता है, न ही भाई इसका बँटवारा कर सकता है और न ही इसका कंधे पर बोझ होता है; इसे खर्च करने पर सदा इसकी वृद्धि होती है, ऐसा विद्याधन सभी धनों में प्रधान है।





13. Shlok:
 देशवंशजनैकोऽपि कायवाक्चेतसां चयै ।

येन नोपकृतः पुंसा तस्य जन्म निरर्थकम् ।।

Hindi Meaning: जिस किसी पुरूष ने शरीर ,वाणी और मन इन तीनों द्वारा अथवा इसमें से किसी एक के द्वारा देश का अथवा अपने वंश का एक भी उपकार यदि न किया तो ऐसे अनुपकारी पुरूष का जन्म लेना ही व्यर्थ है।





14.  Shlok:
 पुण्यतीर्थे कृतं येन तपः क्वाप्यतिदुष्करम् ।

तस्य पुत्रो भवेद्वश्यः समृद्धो धार्मिकः सुधीः ।।

Hindi Meaning: जिस पुरूष ने किसी पुण्यतीर्थ में जाकर अतिकठिन तपस्या की हो तो उसके प्रभाव से उसका पुत्र आज्ञाकारी, धनधान्यादियुक्त ,धर्मात्मा एवं इद्वान होता है।





15.  Shlok:
आहारनिद्राभयसन्ततित्वं सामान्यमेतत्पशुभीर्नराणाम् ।

ज्ञानं हि तेषामधिकं विशिष्टं ज्ञानेन हीनाः पशुभिः समानाः ।।


Hindi Meaning: मनुष्य में और पशुओं में आहार निद्रा ,भय और सन्ततित्व ये चाररों गुण समान होते है,किन्तु एक ज्ञान ही ऐसा गुण है जो मनुष्य में विशेष रूप से होता है,इसलिए ज्ञान से रहित मनुष्य पशु के समान हुआ करते।





16.  Shlok:
विद्या मित्रं प्रवासेषु,भार्या मित्रं गृहेषु च ।

व्याधितस्यौषधं मित्रं, धर्मो मित्रं मृतस्य च ।।

Hindi Meaning: ज्ञान यात्रा में,पत्नी घर में, औषध रोगी का तथा धर्म मृतक का ( सबसे बड़ा ) मित्र होता है |





17.  Shlok:
सहसा विदधीत न क्रियामविवेकः परमापदां पदम् ।

वृणते हि विमृश्यकारिणं गुणलुब्धाः स्वयमेव संपदः ।।


Hindi Meaning: अचानक ( आवेश में आ कर बिना सोचे समझे ) कोई कार्य नहीं करना चाहिए कयोंकि विवेकशून्यता सबसे बड़ी विपत्तियों का घर होती है | ( इसके विपरीत ) जो व्यक्ति सोच –समझकर कार्य करता है ; गुणों से आकृष्ट होने वाली माँ लक्ष्मी स्वयं ही उसका चुनाव कर लेती है।





 18. Shlok:
यौवनं धन सम्पत्तिः प्रभुत्वमअविवेकिता ।

एकैकमप्यनर्थाय किमु यत्र चतुष्टयम् ।।


Hindi Meaning: जवानी, द्रव्यविभव, स्वामित्व और विचार शून्यता इन चारों में स्वतन्त्र एक-एक भी अनर्थ का कारण हो जाता है,जहां चारों एक साथ हो वहां की बात ही क्या है, अर्थात वहां तो अनर्थ होगा ही ।





19.  Shlok:
दैवे पुरूषकारे चा स्थितमस्य बलाबलम् ।

दैवं पुरूषकारेण दुर्लभं ह्युपहन्यते ।।


Hindi Meaning: भाग्य और पुरुषार्थ में इसका बलाबल विद्यामान है,पुरुषकार के द्वारा दुर्बल भाग्य पराजित होता है।





20.  Shlok:
समाश्वासनवागेका न दैवं परमार्थतः ।

मूर्खाणां सम्प्रदायेऽस्य परिपूजनम् ।।


Hindi Meaning: यह तो केवल आश्वासन देने के लिए कथन मात्र है,कि भाग्य ही सब कुछ है, वस्तुतः भाग्य नाम की कोई वस्तु नहीं है। मूर्खों के समाज में ही केवल एक मात्र भाग्य की पूजा होती है ।

Post a Comment

please do not enter any spam link in the comment box.

Previous Post Next Post