Bhaj Dhatu roop in Sanskrit/ भज् धातु के/ का रूप संस्कृत में
🔆प्रत्येक वाक्य में एक क्रियापद होता है।🔅
यथा -अहम् लिखामि।
👉Each sentence has a verb. A verb is formed from a root. There are many roots in Sanskrit Language. A root is conjugated in 10 लकार .
👉A is used to denote time or Mood of action. We have learnt that "लट्" is used to denote present Tense, Past Tense and "लृट्" is used for Future Tense. Given underneath is the conjugation of the root " भज्" in the Ten "लकार" as a matter of revision.
👉भज् धातु का अर्थ- सेवा करना
भज् = सेवा करना
परस्मैपदी
लट् -लकार (Present Tense-वर्तमान काल )
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | भजति | ||
मध्यमपुरुष | भजसि | ||
उत्तमपुरुष | भजामि |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | बभाज | ||
मध्यमपुरुष | भेजिथ, बभक्थ | ||
उत्तमपुरुष | बभाज, बभज |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | भक्ता | ||
मध्यमपुरुष | भक्तासि | ||
उत्तमपुरुष | भक्तास्मि |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | भक्ष्यति | ||
मध्यमपुरुष | भक्ष्यसि | ||
उत्तमपुरुष | भक्ष्यामि |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | भजतु, तात् | ||
मध्यमपुरुष | भज, तात् | ||
उत्तमपुरुष | भजानि |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | अभजत् | ||
मध्यमपुरुष | अभजः | ||
उत्तमपुरुष | अभजम् |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | भजेत् | ||
मध्यमपुरुष | भजेः | ||
उत्तमपुरुष | भजेयम् |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | भज्यात् | ||
मध्यमपुरुष | भज्याः | ||
उत्तमपुरुष | भज्यासम् |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | अभाक्षीत् | ||
मध्यमपुरुष | अभाक्षीः | ||
उत्तमपुरुष | अभाक्ष्यम् | अभाक्ष्म |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | अभक्ष्यत् | ||
मध्यमपुरुष | अभक्ष्यः | ||
उत्तमपुरुष | अभक्ष्यम् |
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