Nash Dhatu roop in Sanskrit/ नश् धातु के/ का रूप संस्कृत में
🔅प्रत्येक वाक्य में एक क्रियापद होता है। 🔅
यथा -अहम् लिखामि।
👉Each sentence has a verb. A verb is formed from a root. There are many roots in Sanskrit Language. A root is conjugated in 10 लकार .
👉A is used to denote time or Mood of action. We have learnt that "लट्" is used to denote present Tense, Past Tense and "लृट्" is used for Future Tense. Given underneath is the conjugation of the root "नश्" in the Ten "लकार" as a matter of revision.
👉नश् धातु का अर्थ- अदृष्ट होना
नश् =अदृष्ट होना
परस्मैपदी
Nash Dhatu roop in Sanskrit/ नश् धातु के/ का रूप संस्कृत में
लट् -लकार (Present Tense-वर्तमान काल )
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | नश्यति | ||
मध्यमपुरुष | नश्यसि | ||
उत्तमपुरुष | नश्यामि |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | ननाश | ||
मध्यमपुरुष | नेशिथ, ननंष्ठ | ||
उत्तमपुरुष | ननाश, ननश |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | नशिता | ||
मध्यमपुरुष | नशितासि | ||
उत्तमपुरुष | नशितास्मि |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | नशिष्यति | ||
मध्यमपुरुष | नशिष्यसि | ||
उत्तमपुरुष | नशिष्यामि |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | नंष्टा | नंष्टारौ | |
मध्यमपुरुष | |||
उत्तमपुरुष | नंष्टास्मि |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | नश्यतु,तात् | ||
मध्यमपुरुष | नश्य,तात् | ||
उत्तमपुरुष | नश्यानि |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | अनश्यत् | ||
मध्यमपुरुष | अनश्यः | अनश्यत | |
उत्तमपुरुष | अनश्यम् |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | नश्येत् | ||
मध्यमपुरुष | नश्येः | ||
उत्तमपुरुष | नश्येयम् |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | नश्यात् | ||
मध्यमपुरुष | नश्याः | ||
उत्तमपुरुष | नश्यसम् |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | अनशत् | ||
मध्यमपुरुष | अनशः | अनशत | |
उत्तमपुरुष | अनाशम् |
एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | |
प्रथमपुरुष | अनशिष्यत् | ||
मध्यमपुरुष | अनशिष्यः | ||
उत्तमपुरुष | अनशिष्यम् |
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