Sanskrit Shlokas on Wife with meaning in Hindi/पत्नी पर संस्कृत श्लोक हिंदी अर्थ सहित

Sanskrit Shlokas on Wife with meaning in

Here are mention some Sanskrit Slokas on Wife with meaning in Hindi. 

पत्नी पर संस्कृत श्लोक हिंदी अर्थ सहित:



जानीयात्प्रेषणेभृत्यान् बान्धवान्व्यसनाऽऽगमे।

मित्रं याऽऽपत्तिकालेषु भार्यां च विभवक्षये ॥

Hindi Meaning: किसी महत्वपूर्ण कार्य पर भेज़ते समय सेवक की पहचान होती है। दुःख के समय में बन्धु-बान्धवों की, विपत्ति के समय मित्र की तथा धन नष्ट हो जाने पर पत्नी की परीक्षा होती है।



राजपत्नी गुरोः पत्नी भ्रातृपत्नी तथैव च ।

पत्नीमाता स्वमाता च पञ्चैते मातरः स्मृतः ॥

Hindi Meaning: राजपत्नी, गुरुपत्नी, भाभी, सास, और जन्मदात्री माँ ये पाँच माताएँ हैं।



कुले कलङ्कः कवले कदन्नता सुतः कुबुद्धिः र्भवने दरिद्रता।

रुजः शरीरे कलहप्रिया प्रियागृहागमे दुर्गतयः षडेते॥

Hindi Meaning: घर में आने पर कलंकित कुल, कुअन्न का भोजन, दुर्बुद्धि पुत्र, दारिद्र्य, शरीर में रोग, और कलहप्रिय पत्नी – ये छे दुर्गति का अहेसास कराते हैं।

Sanskrit Shlokas on Wife

कार्येषु मन्त्री करणेषु दासी भोज्येषु माता शयनेषु रम्भा।

धर्मानुकूला क्षमया धरित्री भार्या च षाड्गुण्यवतीह दुर्लभा॥

Hindi Meaning: कार्य प्रसंग में मंत्री, गृहकार्य में दासी, भोजन कराते वक्त माता, रति प्रसंग में रंभा, धर्म में सानुकुल, और क्षमा करने में धरित्री; इन छे गुणों से युक्त पत्नी मिलना दुर्लभ है।


आपदर्थे धनं रक्षेद् दारान् रक्षेद् धनैरपि।

आत्मानं सततं रक्षेद् दारैरपि धनैरपि॥

Hindi Meaning: विपत्ति के समय के लिए धन की रक्षा करनी चाहिए। धन से अधिक रक्षा पत्नी की करनी चाहिए। किन्तु आत्मसम्मान की रक्षा का प्रश्न सम्मुख आने पर धन और पत्नी का बलिदान भी करना पड़े तो नहीं चूकना चाहिए।


अतिथि बालकः पत्नी जननी जनकस्तथा।

पञ्चैते गृहिणीः पोष्या इतरे च स्वशक्तितः॥

Hindi Meaning: अतिथि, बालक, पत्नी, माता, और पिता-गृहस्थी ने इन पाँचों का अवश्य हि पोषण करना चाहिए।



त्यजेद्धर्म दयाहीनं विद्याहीनं गुरुं त्यजेत्।

त्यजेत्क्रोधमुखी भार्या निःस्नेहान्बान्धवांस्यजेत्॥


Hindi Meaning: धर्म में यदि दया न हो तो उसे त्याग देना चाहिए। विद्याहीन गुरु को, क्रोधी पत्नी को तथा स्नेहहीन बान्धवों को भी त्याग देना चाहिए।



Sanskrit Slokas on Wife

प्रीणाति य सुचरितैः पितरं स पुत्रो यद्भर्तुरेव हितमिच्छति तत्कलत्रम् ।

तन्मित्रमापदि सुखे च समक्रियं यत् एतत् त्रयं जगति पुण्यकृतो लभन्ते ॥

Hindi Meaning: पिता को अपने सद्वर्तन से खुश करनेवाला पुत्र, केवल पति का हित चाहनेवाली पत्नी, और जो सुख-दुःख में समान आचरण रखता हो ऐसा मित्र – ये तीन जगत में पुण्यवान को हि प्राप्त होते हैं ।




मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च।

दुःखितैः सम्प्रयोगेण पण्डितोऽप्यवसीदति॥

Hindi Meaning: मूर्ख शिष्य को पढ़ाने पर, दुष्ट स्त्री के साथ जीवन बिताने पर तथा दुःखियों- रोगियों के बीच में रहने पर विद्वान व्यक्ति भी दुःखी हो ही जाता है ।


विद्या मित्रं प्रवासेषु,भार्या मित्रं गृहेषु च।

व्याधितस्यौषधं मित्रं, धर्मो मित्रं मृतस्य च।।

Hindi Meaning:  विदेश में ज्ञान, घर में अच्छे स्वभाव और गुणस्वरूप पत्नी, औषध रोगी का तथा धर्म मृतक का सबसे बड़ा मित्र होता है।


ऋणकर्ता पिता शत्रुर्माता च व्यभिचारिणी।

भार्या रुपवती शत्रुः पुत्र शत्रु र्न पण्डितः॥

Hindi Meaning: ऋण करनेवाला पिता शत्रु के समान होता है। व्यभिचारिणी मां भी शत्रु के समान होती है। रूपवती पत्नी शत्रु के समान होती है तथा मुर्ख पुत्र भी शत्रु के समान होता है।


मातृवत परदारांश्च परद्रव्याणि लोष्टवत्।

आत्मवत् सर्वभूतानि यः पश्यति स पश्यति।।

Hindi Meaning: पराई स्त्री अर्थात किसी अन्य की पत्नी को अपनी मां के समान, दूसरे के धन को मिट्टी की तरह और सभी प्राणियों को अपने समान ही देखता है। असल में वो ही ज्ञानी है।



मूर्खा यत्र न पूज्यते धान्यं यत्र सुसंचितम्।

दंपत्यो कलहं नास्ति तत्र श्रीः स्वयमागतः।।

Hindi Meaning: जहाँ मूर्ख को सम्मान नहीं मिलता हो, जहाँ अनाज अच्छे तरीके से रखा जाता हो और जहाँ पति-पत्नी के बीच में लड़ाई नहीं होती हो, वहाँ लक्ष्मी खुद आ जाती है।



विद्या मित्रं प्रवासेषु भार्या मित्रं गृहेषु च।

व्याधितस्यौषधं मित्रं धर्मो मित्रं मृतस्य च॥

Hindi Meaning:  घर से बाहर विदेश में रहने पर विद्या मित्र होती है, घर में पत्नी मित्र होती है, रोगी के लिए दवा मित्र होती है तथा मृत्यु के बाद व्यक्ति का धर्म ही उसका मित्र होता है।


Sanskrit Slokas on Wife with meaning

भोज्यं भोजनशक्तिश्च रतिशक्तिर वरांगना।

विभवो दानशक्तिश्च नाऽल्पस्य तपसः फलम्॥

Hindi Meaning:  भोज्य पदाथ, भोजन-शक्ति, रतिशक्ति, सुन्दर स्त्री, वैभव तथा दान-शक्ति, ये सब सुख किसी तपस्या का फल होते हैं।


अर्थनाश मनस्तापं गृहिण्याश्चरितानि च।

नीचं वाक्यं चापमानं मतिमान्न प्रकाशयेत॥

Hindi Meaning:  धन का नाश हो जाने पर, मन में दुखः होने पर, पत्नी के चाल – चलन का पता लगने पर, नीच व्यक्ति से कुछ घटिया बातें सुन लेने पर तथा स्वयं कहीं से अपमानित होने पर अपने मन की बातों को किसी को नहीं बताना चाहिए। यही समझदारी है।



दुष्टा भार्या शठं मित्रं भृत्यश्चोत्तरदायकः।

ससर्पे गृहे वासो मृत्युरेव न संशयः॥

Hindi Meaning: दुष्ट पत्नी , शठ मित्र , उत्तर देने वाला सेवक तथा सांप वाले घर में निवास करना , ये मृत्यु के कारण हैं इसमें सन्देह नहीं करनी चाहिए ।


माता यस्य गृहे नास्ति भार्या चाप्रियवादिनी।

अरण्यं तेन गन्तव्यं यथारण्यं तथा गृहम् ॥

Hindi Meaning: जिसके घर में माता न हो और स्त्री क्लेश करने वाली हो , उसे वन में चले जाना चाहिए क्योंकि उसके लिए घर और वन दोनों समान ही हैं।




कुराजराज्येन कृतः प्रजासुखं कुमित्रमित्रेण कुतोऽभिनिवृत्तिः।

कुदारदारैश्च कुतो गृहे रतिः कृशिष्यमध्यापयतः कुतो यशः॥

Hindi Meaning:  दुष्ट राजा के राज्य में प्रजा सुखी कैसे रह सकती है ! दुष्ट मित्र से आनंद कैसे मिल सकता है! दुष्ट पत्नी से घर में सुख कैसे हो सकता है! तथा दुष्ट–मूर्ख शिष्य को पढ़ाने से यश कैसे मिल सकता है!


समाने शोभते प्रीती राज्ञि सेवा च शोभते।

वाणिज्यं व्यवहारेषु स्त्री दिव्या शोभते गृहे ॥

Hindi Meaning: समान स्तरवालों से ही मित्रता शोभा देती है । सेवा राजा की शोभा देती है । वैश्यों को व्यापार करना ही शोभा देता है । शुभ स्त्री घर की शोभा है


राजा राष्ट्रकृतं पापं राज्ञः पापं पुरोहितः।

भर्ता च स्त्रीकृतं पापं शिष्य पाप गुरुस्तथा॥

Hindi Meaning: राष्ट द्वारा किये गए पाप को राजा भोगता है। राजा के पाप को उसका पुरोहित, पत्नी के पाप को पति तथा शिष्य के पाप को गुरु भोगता है।



वित्तेन रक्ष्यते धर्मो विद्या योगेन रक्ष्यते।

मृदुना रक्ष्यते भूपः सत्स्त्रिया रक्ष्यते गृहम्॥

Hindi Meaning:  धन से धर्म की, योग से विद्या की, मृदुता से राजा की तथा अच्छी स्त्री से घर की रक्षा होती है। 




तृणं ब्रह्मविद स्वर्गं तृणं शूरस्य जीवनम्।

जिमाक्षस्य तृणं नारी निःस्पृहस्य तृणं जगत्॥

Hindi Meaning:  ब्रह्मज्ञानी को स्वर्ग, वीर को अपना जीवन, संयमी को अपना स्त्री तथा निस्पृह को सारा संसार तिनके के समान लगता है।


सत्यं माता पिता ज्ञानं धर्मो भ्राता दया सखा।

शान्तिः पत्नी क्षमा पुत्रः षडेते मम बान्धवाः॥

Hindi Meaning:  सत्य मेरी माता है, ज्ञान पिता है, भाई धर्म है, दया मित्र है, शान्ति पत्नी है तथा क्षमा पुत्र है, ये छः ही मेरी सगे- सम्बन्धी हैं।




यस्य पुत्रो वशीभूतो भार्या छन्दानुगामिनी।

विभवे यस्य सन्तुष्टिस्तस्य स्वर्ग इहैव हि ॥

Hindi Meaning:  जिसका पुत्र वशीभूत हो, पत्नी वेदों के मार्ग पर चलने वाली हो और जो वैभव से सन्तुष्ट हो, उसके लिए यहीं स्वर्ग है।



ते पुत्रा ये पितुर्भक्ताः सः पिता यस्तु पोषकः।

तन्मित्रं यत्र विश्वासः सा भार्या या निवृतिः ॥

Hindi Meaning:  पुत्र वही है, जो पिता का भक्त है। पिता वही है,जो पोषक है, मित्र वही है, जो विश्वासपात्र हो। पत्नी वही है, जो हृदय को आनन्दित करे।



कुग्रामवासः कुलहीन सेवा कुभोजन क्रोधमुखी च भार्या।

पुत्रश्च मूर्खो विधवा च कन्या विनाग्निमेते प्रदहन्ति कायम्॥

Hindi Meaning: दुष्टों के गाँव में रहना, कुलहीन की सेवा, कुभोजन, कर्कशा पत्नी, मुर्ख पुत्र तथा विधवा पुत्री ये सब व्यक्ति को बिना आग के जला डालते हैं।


संसारातपदग्धानां त्रयो विश्रान्तिहेतवः।

अपत्यं च कलत्रं च सतां संगतिरेव च॥

Hindi Meaning:  सांसारिक ताप से जलते हुए लोगों को तीन ही चीजें आराम दे सकती हैं–सन्तान, पत्नी तथा सज्जनों की संगति। मूर्खाः यत्र न पूज्यन्ते धान्यं यत्र सुसंचितम्।

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